ACHARYA JI'S MESSAGE
आइये, नई शिक्षा में प्रवेश करें
आज शिक्षा क्षेत्र का सभी विद्यालय एक ही बात की घोषणा करता है कि हम निष्ठापूर्वक बच्चों को पढ़ाते हैं। पढ़ाने के नाम पर अभिभावकों के सामने अनेक लुभावने स्लोगन देते हैं। हैं। नए-नए प्रलोभन देते हैं। इस क्षेत्र में आजकल बड़े-बड़े व्यावसायिक घरानों के लोग प्रवेश कर रहे हैं। अब विद्यालय के बजाय फाइव स्टार होटल बनाने का प्रचलन शुरू हो गया है। क्योंकि ऐसे लोग मूलत: शिक्षा का अर्थ नहीं जानते। उन्हें भ्रम हो गया है कि शिक्षा ऐसे वातावरण में दी जानी चाहिए जहाँ सुख, सुविधा का वातावरण हो। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि बच्चे पढ़ाई के नाम पर केवल सूचना प्राप्त कर रहे हैं। वे कभी भी प्रैक्टिकल नहीं बन पा रहे हैं। परिणामस्वरूप वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में अव्यावहारिक होने के कारण सफल नहीं हो पा रहे हैं। उन्हें डिग्री तो मिल जाती है लेकिन जीवन जीने का ज्ञान नहीं प्राप्त हो रहा है।
जीवन जीने की विधि “METHODS OF LIFE” नहीं जानने के कारण वे कोई भी चुनौती स्वीकार नहीं कर पाते। यही कारण है कि आज पढ़े-लिखे युवक-युवतियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। लेकिन उनमें से बहुत कम लोग जीवन में सफल हो पाते हैं। आज देश में लाखों लोग बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह भी पता नहीं होता |
प्रभु श्रीराम एक राजकुमार थे। अगर वे ऐशोआराम में रहकर ए.सी. कमरे में बैठकर पढ़ाई करते तो वनवास काल में वे इतना बड़ा संकट सह नहीं पाते। पता नहीं मनुष्य के जीवन में कब कैसा समय आता है। इसलिए आज स्कूलों का धर्म हो गया है कि आज के छात्र-छात्राओं को व्यवहारकुशल बनाएँ। उन्हें प्रैक्टिकल बनाएँ। मुकाबला किया जाता है? उन्हें कुछ पता नहीं होता।
नई शिक्षा में कैसे प्रवेश करें?
ऐसी परिस्थितियों के लिए बच्चों को तैयार करने के लिए नई शिक्षा नीति में आदेश दिया गया है।
अब प्रश्न है कि क्या आज देश के सभी विद्यालय ऐसी शिक्षा देने में समर्थ हैं क्या? उनका विद्यालय किसी वरिष्ठ शिक्षाविद के मार्गदर्शन में चल रहा है। क्या उन विद्यालयों के शिक्षक नई शिक्षा के अनुरूप स्वयं को तैयार कर चुके हैं ? क्योंकि अधिकांश स्कूलों में उसी पुरानी परंपरा के शिक्षक काम कर रहे हैं, जिन्हें नई शिक्षा के प्रकार का कोई बोध नहीं है। उन्हें अब तक कोई प्रशिक्षक नहीं मिला है। स्वाभाविक है कि जब तक उन्हें नई तकनीक जैसे रोबोटिक साइंस, आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग, कोडिंग सिस्टम, पत्रकारिता, स्मार्ट लैब के साथ अन्य कई आधुनिक विधियाँ शिक्षा नीति में बताई गई हैं; जिनको पढ़ाने वाले शिक्षकों को पहले इस विधि का ज्ञान प्राप्त करना होगा। तभी वे शिक्षा को बच्चों में उतार सकेंगे।

तनावमुक्त विद्यालय का स्वरूप
